जियांगयांग ने कई वर्षों से प्रभु पर विश्वास किया है। सभी सच्चे विश्वासी भाई-बहनों की तरह, वह सतर्कता से उनकी वापसी की प्रतीक्षा कर रहा है ताकि उसे स्वर्ग के राज्य में आरोहित किया जा सके।
एक दिन नाश्ते के बाद, वह अपनी मेज पर बैठा था। बाहर धूप खिली थी, सूरज की चमकदार किरणें खिड़की से होती हुई उस पर चमक रहीं थीं—उसका मूड बहुत अच्छा था। उसने एक बार फिर से भजनों की किताब खोली और चिर-परिचित राग के साथ भावपूर्ण रूप से गाने लगा: “भला आदमी द्वार पर दस्तक दे रहा है, उसके बाल ओस से भीगे हुए हैं; हम जल्दी से उठें, द्वार खोलें, भले आदमी को मुड़कर जाने न दें…” (“कनान भजन”)। उसने एक बार फिर भजन गाया, और खुद की एक बुद्धिमान कुंवारी के रूप में कल्पना करने लगा, जो अपने प्यारे की आवाज सुनने में सक्षम था, जब प्रभु दरवाजे पर दस्तक देने के लिए आयें, तो उनका स्वागत करने में सक्षम था—इतने सालों से उसकी यही एकमात्र इच्छा थी। हर बार जब वह कमजोर महसूस करता था, तो प्रेरणा के लिए धर्मग्रन्थ पढ़ता और यह भजन गाता था। उसका दृढ़ विश्वास था कि प्रभु निष्ठावान हैं और उनके वादे व्यर्थ में नहीं किये गये हैं… कमरे में शानदार गायन गूंज रहा था, वह विचारों में खो गया था, और प्रकाशितवाक्य के अध्याय 1, पद संख्या 7 में की गयी भविष्यवाणी उसके मन में आई: “देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हाँ। आमीन।” क्या प्रभु यीशु बादलों के साथ वापस नहीं आयेंगे? सभी लोग उन्हें देखेंगे, लेकिन अगर हर कोई उन्हें देखता है, तो क्या उनके लिए द्वार खटखटाना जरूरी होगा? आखिरकार वे किस प्रकार दस्तक देंगे?
बस उसी क्षण दरवाजे पर खटखटाने की आवाज आई। वह उसे खोलने के लिए दौड़ा। अपनी पत्नी चेंगन को देखकर, उसने आश्चर्य से कहा: “ओह, तुम हो! खटखटाहट सुनकर मुझे लगा कि…” चेंगन कलीसिया में एक डीकन थी। वह एक सभा के लिए कुछ दिन पहले शहर गई थी, और अभी-अभी लौटी थी।
उसे चिढ़ाते हुए उसने कहा: “घर से जाते हुए, मैं अपनी चाबी ले जाना भूल गई थी। आपको किसका इंतज़ार था, हम्म?”
“अरे, कुछ नहीं। मैं तुम्हारे खाने के लिए कुछ ले आता हूँ।” यह कहते हुए वह रसोई में चला गया।
कुछ ही समय में, जियांगयांग ने मेज पर ढेर सारे स्वादिष्ट भोजन लगा दिए। चेंगन के खाने के लिए बैठते ही, उसने उत्सुकता से उससे पूछा: “सुनो, इन कुछ दिनों की सभाओं में तुमने किस पर संगति की? मैं सुनना चाहूँगा।”
उसकी उत्सुकता को देखकर, वह खिलखिलाकर हँस पड़ी और फिर मुस्कुराते हुए उससे कहा, “तुम बहुत अधीर हो। इसे एक शब्द में नहीं समझाया जा सकता है। मैं पहले अपना भोजन समाप्त कर लूँ, फिर हम इस पर विस्तार से बात करें तो कैसा रहेगा?”
थोड़ा झेंपकर, जियांगयांग ने मुस्कुराते हुए कहा: “ओह मैं तो बस … पहले तुम खाना खत्म कर लो।”
चेंगन के भोजन समाप्त करने के बाद, दोनों ने बीती बातों पर चर्चा शुरू की। चेंगन ने कहा: “हम सभी ने सोचा था कि प्रभु यीशु बादलों पर लौटेंगे और हमारे दरवाजे पर दस्तक देंगे। अब हमारी आँखों के सामने आपदाएँ अधिकाधिक होती जा रही हैं—प्रभु के आने की भविष्यवाणियाँ मूल रूप से पूरी हो चुकी हैं, लेकिन हमें अभी भी उनका स्वागत करने का मौका नहीं मिला है। मुझे ये भी लगता है: हो सकता है कि वे कहीं दिखाई दिये हों, लेकिन हमें बस पता नहीं है…”
जियांगयांग उसकी बात खत्म होने का इंतजार नहीं कर सका और बीच में ही बोल पड़ा: “कितना सच है ये। पिछले कुछ दिनों से मेरे दिमाग में भी चल रहा है। यह कहा गया है कि अंत के दिनों में, प्रभु बड़ी महिमा के साथ बादलों पर वापस आएंगे और हर आंख उन्हें देखेगी। हालाँकि, जब हर व्यक्ति उन्हें देख लेगा, तो क्या उन्हें दरवाजे पर दस्तक देने की जरूरत होगी? जितना मैं इसके बारे में सोचता हूँ, उतना ही उलझ जाता हूँ। आख़िरकार वे किस प्रकार दस्तक देंगे?”
चेंगन ने कहा: “हम में से कोई भी ये समझ पाने में सक्षम नहीं था; पिछले कुछ दिनों में हमारी सभाओं के दौरान एक बहन के इस पर संगति साझा करने के बाद ही मुझे समझ आया। इन सभी वर्षों में, हम बादलों के साथ प्रभु की वापसी की राह देख रहे हैं, और यह उनके वचनों के अनुरूप है। लेकिन अंत के दिनों में उनकी वापसी के बारे में सिर्फ एक ही तरह की भविष्यवाणी नहीं है। क्या तुम्हें याद है? उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की थी: ‘आधी रात को धूम मची: देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो‘ (मत्ती 25:6)। और प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में यह भी भविष्यवाणी की गयी है: ‘यदि तू जागृत न रहेगा तो मैं चोर के समान आ जाऊँगा, और तू कदापि न जान सकेगा कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पड़ूँगा‘ (प्रकाशितवाक्य 3:3)। ‘देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ‘ (प्रकाशितवाक्य 3:20)। अगर हम जैसी कल्पना करते हैं, वास्तव में उसी तरह प्रभु बादलों के साथ अंत के दिनों में लौटेंगे, तो इन भविष्यवाणियों को कैसे पूरा किया जा सकता है? वे दरवाजे के बाहर खड़े होकर कैसे दस्तक दे सकते हैं?”
जियांगयांग ने बार-बार सहमति में सिर हिलाया: “हाँ, यदि प्रभु बादलों के साथ लौटते हैं और हर आदमी उन्हें देखता है, तो वे चोर की तरह कैसे आ सकते हैं? लेकिन प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में अध्याय 1 पद संख्या 7 में लिखा है: ‘देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हाँ। आमीन।’ इन वचनों को आखिर कैसे समझाया जा सकता है?”
चेंगन ने मुस्कुराते हुए कहा: “वास्तव में, ये भविष्यवाणियाँ बिल्कुल भी विरोधाभासी नहीं हैं। उनके भीतर खोजने के लिए सत्य है। जिन धर्मग्रंथों का उल्लेख अभी किया गया है, उनका अर्थ है कि प्रभु के लौटने के दो तरीके हैं, अर्थात् गुप्त रूप और सार्वजनिक रूप। वह पहले काम करने के लिए गुप्त रूप से लौटते हैं, और फिर विजेताओं के एक समूह को पूरा करने के बाद स्पष्ट रूप से प्रकट होंगे। जिस समय वे गुप्त रूप से काम कर रहे होते हैं, उस दौरान यदि वे हमारे दरवाजे पर दस्तक देते हैं, लेकिन हम नहीं खोलते हैं या उनका स्वागत नहीं करते हैं, तो हम वही होंगे जो उनके खुलकर प्रकट होने पर रो रहे होंगे। इसलिए, जब वे दस्तक देते हैं तब यदि हम दरवाजा खोलना चाहते हैं और उनका स्वागत करना चाहते हैं, तो पहले हमें यह समझना चाहिए कि उनके लौटने पर दरवाजे पर दस्तक देने का वास्तव में क्या मतलब है, और वे कैसे दस्तक देते हैं। अन्यथा, उनके हमारे दरवाजे पर दस्तक देने पर भी, हम अपनी अज्ञानता के कारण उन्हें बाहर ही छोड़ देंगे। सम्भावना है कि तब हम उनका स्वागत करने और स्वर्ग के राज्य में आरोहित किये जाने के अवसर को खो देंगे!”
अपनी पत्नी की बातें सुनकर, जियांगयांग ने सोचा: यह सच है—जब प्रभु आयेंगे तो वे दरवाजे पर किस प्रकार दस्तक देंगे यह जानना अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। धर्मग्रन्थों में कहा गया है कि बुद्धिमान कुंवारियों को प्रभु का स्वागत करने के लिए, पर्याप्त तेल तैयार रखने की आवश्यकता है। यदि हम केवल मूर्खतापूर्ण रूप से प्रतीक्षा करते हैं, तो हम उनका स्वागत करने का अवसर खो देंगे, जैसे कि मूर्ख कुंवारियों ने खो दिया था। तब हम वास्तव में रोते रहेंगे और अपने दांत पीसते रहेंगे! तब जियांगयांग ने उत्साह से कहा: “हाँ, चेंगन, तुम सही हो। यह वास्तव में एक रहस्य है कि जब प्रभु लौटेंगे, तो वे दरवाजे पर कैसे दस्तक देंगे, और इसमें तलाश करने के लिए सत्य है। तुम्हारी संगति में वास्तव में प्रकाश है! प्रभु का धन्यवाद। तुमने उन सभाओं में बेकार में भाग नहीं लिया! मुझे बताओ, जब प्रभु लौटेंगे तो उनके दस्तक के सम्बन्ध में, इसका वास्तव में क्या मतलब है? वह हमारे दरवाजे पर किस प्रकार दस्तक देते हैं?”
चेंगन ने आगे कहा: “प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में यह भविष्यवाणी की गई है: ‘जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है‘ (प्रकाशितवाक्य 2:7)। और यूहन्ना के सुसमाचार में अध्याय 16, पद संख्या 12-13 में भी: ‘मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा।’ इन वचनों से यह देखा जा सकता है कि प्रभु यीशु ने बोलना समाप्त नहीं किया है, और यह भी कि जब वे अंत के दिनों में लौटेंगे तो और अधिक सत्य का उच्चारण करेंगे। यही कारण है कि उन्होंने हमें ध्यान देने और उनकी वाणी सुनने की याद दिलायी थी। दो हजार साल पहले जब प्रभु यीशु काम करने आए थे, तो उन्होंने अक्सर कहा था: ‘मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है‘ (मत्ती 4:17)। उन्होंने कई चमत्कार और अद्भुत कर्म भी किए, जैसे कि तूफ़ान और समुद्र को शांत करना, लंगड़ों को कुछ वचनों द्वारा चलने की अनुमति देना, साथ ही लाजर को मृतकों से वापस लाना… उनके वचन अधिकार और सामर्थ्य धारण किये हुए हैं और किसी भी मनुष्य द्वारा नहीं बोले जा सकते हैं। पतरस, युहन्ना, याकूब, सामरी स्त्री, नाथनेल और अन्य लोगों ने प्रभु यीशु के वचनों से पहचाना कि वे वही मसीहा थे जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी, इस प्रकार उन्होंने प्रभु के नक्शेकदम पर चलते हुए उनका उद्धार प्राप्त किया। फरीसियों और आम यहूदियों ने भी प्रभु यीशु के वचनों को सुना, लेकिन पुराने नियम के धर्मग्रंथों की शाब्दिक भविष्यवाणियों से चिपके रहने के कारण, उन्होंने उन्हें अपनी धारणाओं और कल्पनाओं से परिभाषित किया और यह स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया कि वे आने वाले मसीहा थे। अंत में, उन्होंने न केवल अपना उद्धार खोया, बल्कि प्रभु को क्रूस पर चढ़ाने और उनका विरोध करने की खातिर उनकी सजा का सामना भी करना पड़ा—यहाँ तक कि उनके वंशजों को भी परमेश्वर द्वारा शाप दिया गया था। इसलिए, हमें फरीसियों की विफलता से सीखना चाहिए, अपनी कल्पनाओं के अनुसार परमेश्वर को मापना या परिभाषित नहीं करना चाहिये। प्रभु हमें बादलों पर स्वीकार नहीं करेंगे, न ही वे वास्तव में हमारे घरों के दरवाजों पर दस्तक देंगे। केवल जब हम उनके वचनों को सुनाने और उनकी वाणी को पहचानने पर ध्यान दें, तब ही हम उनका स्वागत कर सकते हैं और उनके साथ भोज में भाग ले सकते हैं। जैसा कि प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में लिखा गया है: ‘देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ‘ (प्रकाशितवाक्य 3:20)।”
सुनते समय, जियांगयांग ने इन सब पर विचार किया और महसूस किया कि उसकी पत्नी जो कुछ भी कह रही थी वह सच था। जब प्रभु यीशु अपना काम कर रहे थे, तो फरीसियों और कई आम यहूदियों ने उनके वचनों को सुना, लेकिन न केवल उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया, बल्कि उन्होंने उन्हें दोषी ठहराया और उनकी निंदा की। हालाँकि, पतरस, यूहन्ना और सामरी स्त्री ने उनके वचन सुने और पहचाना कि वे ही वो मसीहा थे जिनकी प्रतिज्ञा की गयी थी, और इसलिए उनका अनुसरण किया। उन सभी ने प्रभु यीशु के वचनों को सुना और उनके कार्य देखा; कुछ ने दरवाजा खोला और उन्हें स्वीकार कर लिया, जबकि अन्य लोगों ने अपने दिल के दरवाजे को मुहरबंद कर दिया और उन्हें अंदर आने न दिया। कोई आश्चर्य नहीं कि प्रभु ने कहा: “मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं” (यूहन्ना 10:27)। जियांगयांग ने उत्साहित होकर कहा: “धन्यवाद प्रभु। मुझे आज की संगति से पहले यह समझ में नहीं आया था। अंत के दिनों में लौटे प्रभु यीशु के दरवाजे पर दस्तक देने का सन्दर्भ मानवजाति के प्रति कहे गये उनके कथन से है। वे अपने वचनों का उपयोग मनुष्य के दिल के द्वार पर दस्तक देने के लिए करते हैं। यह अद्भुत है—अब हमें पता चल गया है कि जब प्रभु लौटेंगे तो वे दरवाजे पर दस्तक किस प्रकार देंगे, इसलिए दरवाजा खोलने और उनका स्वागत करने की हमारी उम्मीद अधिक है।”
चेंगन ने कहा: “हाँ। लौटने पर हमारे दिल के द्वार पर दस्तक देने के लिए प्रभु अपने वचनों का उपयोग करेंगे, इसलिए अब हमें उनकी वाणी सुनने के लिए ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अगर इंटरनेट या रेडियो पर, हम किसी को पवित्र आत्मा के वचनों का प्रचार करते हुए सुनते हैं, तो हमें बारीकी से सुनना चाहिए। एक बार जब हम प्रभु की वाणी को पहचान लेते हैं, तो हमें उनके लिए दरवाजा खोलना चाहिए और उनकी वापसी को स्वीकार करना चाहिए। हमारे उनके सिंहासन के आगे स्वर्गारोहित किये जाने का यही एकमात्र तरीका है जिससे हम मेम्ने के भोज में भाग ले सकते हैं। जब प्रभु दरवाजे पर दस्तक देते हैं, तब अगर हम उनके साथ फरीसियों और आम यहूदियों की तरह अपनी धारणाओं और कल्पनाओं के आधार पर व्यवहार करते हैं, उनकी पुकार पर ध्यान देने से इनकार करते हैं, तो हम हमेशा के लिए उनका स्वागत करने और स्वर्ग के राज्य के आरोहित किये जाने के अवसर से चूक जाएंगे।”
जियांगयांग ने बार-बार सहमति में सिर हिलाया। वह गीत के उन बोलों के बारे में सोचे बिना रह सका जिन्हें उसने अभी-अभी गाया था: “हम जल्दी से उठें, द्वार खोलें, भले आदमी को मुड़कर जाने न दें…”
स्रोत:यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए
यह वेबसाइट, “यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए” में यीशु मसीह को जानना, स्वर्ग के राज्य का रहस्य, प्रभु की वापसी, प्रार्थना, विवाह और परिवार जैसे खंड शामिल हैं जो आपकी आस्था की राह में आने वाली उलझनों में आपकी सहायता करते हैंI
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